ECS full form Hindi में साथ ही कई जरुरी जानकारी

Last updated on April 6th, 2024 at 02:29 pm

हम सब का पाला कभी ना कभी EMI से जरुर परा है और एक निश्चित समय पर हमारे account से emi amount आसानी से कट जाता है और ये सभी होता है ECS  के वजह है, आइये बात करे ECS full form Hindi में और जाने इससे जुडी कई महत्वपूर्ण जानकारिया,

ECS full form Hindi

सबसे पहले ECS full form Hindi जी है ECS – ELECTRONIC CLEARING SERVICES, हम बात कर रहे है बैंकिंग section में, इसके मतलब किसी और section में कुछ और हो सकता है इसलिए confuse ना हो,

ECS क्या है ?

आपने ECS full form पढ़ कर ये जरुर अंदाज़ा लगा लिया होगा, बेकिंग section में ये सेवा एक account से पैसे दुसरे account में एक निश्चित समय पर भेजने के लिए किया जाता है जैसे आप neft या imps इस्तेमाल करते है उसी तरह से इसे bank इस्तेमाल करती है,

अब आपके मन में ये सवाल जरुर होगा की आखिर ऐसा क्यों जब पहले से ही पैसे transfer करने का जरिया है तो अब bank ecs क्यों इस्तेमाल करती है आइये जाने,

ECS कैसे काम करता है ?

ECS full form Hindi हम इसे आसान भाषा में समझेंगे ECS एक ऐसा term है जो आप अपने lender या किसी particular संस्था को को ये अनुमति देते है की आपके खाते से एक सुनिश्चित राशी एक तय किये गए date पर काट ले, इसके लिए आप ECS form पर sign करते है,

अब ये ecs sign form bank जाता है और authorize किये हुए है समय पर राशी bank के द्वारा काट ली जाती है और पाने वाले के account में credit कर दी जाती है अब ये लगातार एक तय की गई तारीख पर होने वाला लेन देन है है तो इसके लिए ecs के माध्यम से एक ही बार सुचना देनी होती है,

इसे थोडा और आसान कर लेते है मान लिजिये जिस तरह से आप किसी को Cheque देते है और उसपे एक तारीख होती है और एक amount होता है, लेकिन एक cheque से एक ही बार पैसे withdrawal होता है लेकिन जब ecs की बात आती है वहां तय की गई तारीख तक पैसे withdrawal होते रहते है,

ECS कितने प्रकार के होते है ?

दोस्तों यहाँ अब ECS भी दो तरह के होते है आइये जाने एक एक करके

Debit ECS – अभी आपने पढ़ा आपके खाते से पैसा कट जाते है वो Debit ECS होता है या किसी individual के लिए होता है अगर आपने कोई रकम emi में देनी हो तो तब इसे इस्तेमाल में लाया जाता है,

Credit ECS – इसके बाद दूसरा होता है credit ecs, यहाँ हर महीने एक तय किये गए तारीख पर एक सुनिश्चित राशि आपके खाते में जोड़ दी जाती है, किसी भी संस्था को अगर आपको पैसे हर महीने देनी हो एक तय की गई राशी तो उसके लिए इस्तेमाल में लाइ जाती है,

ECS क्यों जरुरी है ?

अगर आप internet banking इस्तेमाल करते है तो आपको पता होगा की धीरे धीरे bank, बहुत से features अपने ग्राहकों को दे रही है की वो इसे खुद कर ले जो शायद पहले नहीं मिलता है, इससे work load कम होता है banks का,

इसी तरह से ECS जो हर महीने पैसे का लेन देन किया जाता है उसके लिए बार बार banks में भीर ना हो, अब banks को एक बार ही ये authority दे दी जाती है की हर महीने एक तारीख में इतने पैसे इस account से दुसरे account में भेज दिए जाए,

इसलिए emi के जरिये रकम के लेन देन के लिए ये bank के पास बहुत जरुरी instrument है जो बहुत ही ज्यादा कारगर है,

ECS के फायदे ?

  1. lender को बस ECS के लिए bank को बस एक बार इन्फॉर्म करना होता है,
  2. हर महीने bank को request करने की जरुरत नहीं
  3. एक तय की गई राशि देने वाले के लिए भी आसान होती है
  4. राशी के लिए हर महीने अपने ग्राहक को request नहीं करना होता है संस्था को
  5. Banks के लिए भी ये बहुत ही आसान clearing सेवा है
  6. हर महीने cheque लेने और देने का झंझट से छुटकारा
  7. Money Deduction तारीख बदलने की भी होती है पूरी आजादी

ECS charges क्या है ?

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने ecs charge का निर्धारण किया है जिसकी authority बैंक और उसके ब्रांच को दी जाती है ये निर्भर करता है कितनी रकम है और कितनी बार ये काम करता है उसके ऊपर बैंक ये तय करता है की charge क्या लगेगा,

यहाँ debit ले लिए जिसके खाते से पैसे निकाले जा रहे है उसको bank charge नहीं करती, जिसके खाते में पैसे भेजे जा रहे है उसे bank charge करती है लेकिन ध्यान रखने वाली बात ये भी है अगर bounce हो जाता है ecs debit account से तब charge देना होता है जो 400 से 700 के बिच हो सकता है,

ECS से नुकसान ?

ECS से सबसे ज्यादा जिसे नुकसान है वो है ग्राहक को जिसके खाते से पैसे निकाले जाते है क्योंकि कभी कभार debit होने वाले date पे रकम उपलभ्द नहीं है खाते में तो पहली बात तो bouncing charge लगता है, लेकिन ये और भी दर्द देने वाला होता है तब जब 3 दिन में ही 5 से 6 बार hit कर जाता है बिना किसी जानकारी के,

मैं आपको एक वाक्य बताता हूँ मैंने किसी एक संस्था को ecs sign mandate दे दिया ये एक subscription था जिसके पैसे में दे रहा है बाद में मुझे वो service नहीं पसंद आई, मैं सोचा की पैसे ना होंगे और ना ही कटेगा मेरे खाते से लेकिन जनाब ये तब तक bounce होता रहा जब तक की उसे पैसे मिल ना गए और मुझे लगभग 20,000 रुपये सिर्फ ECS bouncing charge देना पड़ा !

ECS कैसे Stop कराये ?

अगर आप ecs स्टॉप कराना चाहते है तो आपका मदद bank नहीं करेगा, हलाकि ये उनके बस में होता है लेकिन वो तब तक नहीं करेंगे इसे बंद जब तक की उन्हें proper complain ना मिले, तो इसके लिए आपको उस संस्था से संपर्क करना पड़ेगा जिसे आपने ecs दिया है, वो फिर अपने bank से इसे बंद करा सकता है,

निष्कर्ष (Conclusion)

आज हमने पढ़ा ECS full form Hindi में और जाना ecs से जुडी कई जरुरी बाते, दोस्तों अगर आपने भी कोई ecs sign किया है किसी संस्था को चाहे वो emi हो या service के लिए उस तारीख में पैसे जरुर खाते में रखे, उम्मीद करता हूँ इस post में सही और सटीक जानकारी दे पाया हूँ,

इसे अपने दोस्तों में share करना ना भूले साथ ही अगर आगे भी इसी तरह के finance से सम्बन्धित जानकारी पढ़ना चाहते है तो मुफ्त में subscribe करे, आपका दिन शुभ रहे – धन्यवाद् !!

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स्वागत है आपका अपने ब्लॉग aadharseloan.com पर, मैं नवीन भारद्वाज इस ब्लॉग का Founder और Writer हूँ, मेरी रुचि Finance और technology में ज़्यादा रही है, मैं पिछले 5 सालों से ब्लॉगिंग कर रहा हूँ, इस ब्लॉग में हम बात करते है ऑनलाइन सुरक्षित लोन कैसे लिया जा सकता है, क्योंकि अब हम अपने लगभग सभी काम किसी ना किसी मोबाइल ऐप से करने लगे है उसी तरह से अब हम मोबाइल से लोन भी ले सकते है, धन्यवाद !!

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